बैंगनी विस्थापन #8211; यदि प्रकाश स्त्रोत तथा प्रेक्षक के बीच की दूरी कम हो रही है, तो प्रेक्षक को स्त्रोत की आवृत्ति बढ़ी हुई (तथा तरंगदैर्ध्य घटी हुई) प्रतीत होती है। इसके फलस्वरूप प्रकाश की स्पेक्ट्रमी रेखायें स्पेक्ट्रम के बैंगनी भाग की ओर विस्थापित हो जाती है। तरंगदैर्ध्य में भिन्नात्मक परिवर्तन Δλ/λ = #8211; v/c तथा आवृत्ति में भिन्नात्मक परिवर्तन Δn/n = v/c