यदि दो बराबर और विरोधी विरूपक बल पिण्ड के अनुप्रस्थ परिच्छेद के समांतर लगाएँ जाए, तो पिण्ड के सम्मुख फलकों के बीच सापेक्ष विस्थापन हो जाता है। लगाए गए स्पर्शी बल को स्पर्शी या अपरूपण प्रतिबल कहते है।