आवेश के संरक्षण नियम की खोज बेंजामिन फ्रैंकलिन नामक वैज्ञानिक ने की। आवेश के संरक्षण नियम के अनुसार, ‘आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। आवेश का केवल पुनर्वितरण किया जाता है।’ अर्थात् आवेश ब्रह्माण्ड के संरक्षित रूप में उपस्थित है।