प्रकाश वैद्युत प्रभाव के निम्न नियम हैं #8211; (1) प्रत्येक उत्सर्जक धातु के लिये एक निश्चित न्यूनतम आवृत्ति v<sub>0</sub> (या अधिकतम तरंगदैर्ध्य λ<sub>0</sub>) होती है जिसे आपतित विकिरण की देहली आवृत्ति कहते हैं। इस देहली आवृत्ति से नीचे प्रकाश इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन नहीं होता है चाहे आपतित प्रकाश की तीव्रता कितनी भी अधिक क्यों न हो। (2) प्रकाश के धातु के पृष्ठ पर गिरते ही इलेक्ट्रॉन उत्सर्जत होने लगते हैं अर्थात् प्रकाश के पृष्ठ पर आपतित होने और पृष्ठ से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जित होने में कोई समय पश्यता [time lag (lt; 10<sup>-8</sup> सेकण्ड)] नहीं होती है। (3) उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा आपतित प्रकाश की आवृत्ति बढ़ाने पर बढ़ती जाती है। यह आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर नहीं करती है। (4) किसी धात्विक पृष्ठ से फोटो इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन की दर आपतित प्रकाश की तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होती है तथा यह आपतित प्रकाश की आवृत्ति पर निर्भर नहीं करती है। (5) उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम वेग (या अधिकतम गतिज ऊर्जा) आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर नहीं करता है।