AC परिपथ में शुद्ध प्रेरकत्व #8211; एक परिपथ में एक प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल V = V<sub>0</sub> sinωt तथा स्वप्रेरक L की शुद्ध प्रेरकत्व वाली कुण्डली प्रदर्थित है। धारा i = i<sub>0</sub> sin(ωt + π/2) जहाँ V<sub>0</sub>/ωL उपरोक्त समीकरण से स्पष्ट है कि प्रभावी प्रतिरोध ωL (=X<sub>L</sub>) परिपथ का प्रेरकीय प्रतिघात कहलाता है। इसका मात्रक भी ओम है। चित्र से स्पष्ट है कि धारा, वोल्टेज से पश्चगामी है।