समान्तर अक्षों की प्रमेय को ह्यूजेन्स-स्टीनर प्रमेय एवं स्टीनर के प्रमेय के रूप में जाना जाता है। समान्तर अक्षों की प्रमेय के अनुसार समान्तर अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण (I<sub>cm</sub>) तथा पिण्ड के द्रव्यमान व दोनों अक्षों के बीच की लम्ब-दूरी के वर्ग के गुणनफल के योग के बराबर होता है। I = I<sub>cm</sub> + Mr<sup>2</sup> जहाँ M पिण्ड का द्रव्यमान है तथा r दोनों अक्षों के बीच की लम्ब-दूरी है।