डायोड की कार्य विधि के अनुसार डायोड केवल एक दिशा में ही धारा संचालित करता है। जब प्लेट तथा कैथोड के बीच प्रत्याव्रती विभव लगाया जाता है, तो डायोड केवल एक अर्द्ध-चक्र में धारा संचालित करता है। इस प्रक्रिया में डायोड दिष्टकारी के रूप में कार्य करता है। डायोड में दो इलेक्ट्रॉड उपस्थित होते है।