तापीय प्रतिबल #8211; जब किसी छड़ के दोनों सिरों को दृढ़ता से जड़कर इसके तापीय प्रसार को रोका जाता है इनके सिरों के दृढ़ अवलंबों द्वारा प्रदत्त बाह्य बलों के कारण छड़ में संपीडन विकृति उत्पन्न हो जाती है जिसके तदनुरूपी छड़ में एक प्रतिबल उत्पन्न होता है जिसे तापीय प्रतिबल कहते है।