ताप-विद्युत प्रभाव वह प्रभाव है जिसमें ऊष्मा ऊर्जा को सीधे ही विद्युत ऊर्जा में बदलकर विद्युत उत्पन्न की जाती है। ताप-विद्युत प्रभाव उत्क्रमणीय प्रभाव है। यदि एक विद्युत परिपथ में विभिन्न पदार्थो के चालक हों और इनके संधियों को विभिन्न तापों पर रखा जाए तो परिपथ में विद्युत धारा उत्पन्न हो जाती है।