यंग का द्विछिद्र प्रयोग प्रकाश के व्यतिकरण को प्रदर्शित करता है। इसमें प्रकाश एकवर्णीय स्त्रोत से द्विछिद्र व्यवस्था पर आपतित होत है व फिर उनके पीछे स्थित पर्दे पर पहुँचता है। द्विछिद्र कला सम्बद्ध कला सम्बद्ध स्त्रोत की तरह व्यवहार करती है। द्विछिद्र से पर्दे पर पहुँचने वाली किरणें विभिन्न पथ द्वारा पर्दे पर पहुँचती हैं। परिणामी तरंग पर्दे पर व्यतिकरण फ्रिन्जों का निर्माण करती है।