प्रकाशवान प्रकाश उत्पन्न करने वाले खगोलीय पिंड को तारा (Star) कहते हैं। तारे विशालकाय, चमकदार गोले होते हैं जो मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से बने होते हैं। इनके केंद्र में होने वाली नाभिकीय संलयन (nuclear fusion) की प्रक्रिया से ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन परमाणु मिलकर हीलियम परमाणु बनाते हैं और इस दौरान भारी मात्रा में ऊर्जा प्रकाश और ऊष्मा के रूप में उत्सर्जित होती है। यही ऊर्जा तारे को प्रकाशवान बनाती है।
तारे अलग-अलग आकार, रंग और तापमान के हो सकते हैं। इनका रंग इनके तापमान पर निर्भर करता है - नीले तारे सबसे गर्म होते हैं, जबकि लाल तारे अपेक्षाकृत ठंडे होते हैं। सूर्य, जो पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा है, एक मध्यम आकार का तारा है और इसका रंग पीला है।
तारे जीवन चक्र से गुजरते हैं। एक तारे का जन्म गैस और धूल के बादलों से होता है, जिसे नीहारिका (nebula) कहते हैं। गुरुत्वाकर्षण के कारण ये बादल सिकुड़ते हैं और धीरे-धीरे तारे का रूप ले लेते हैं। तारे का जीवन उसकी द्रव्यमान पर निर्भर करता है। कम द्रव्यमान वाले तारे अरबों वर्षों तक जीवित रह सकते हैं, जबकि बड़े द्रव्यमान वाले तारे कुछ मिलियन वर्षों में ही अपना जीवन समाप्त कर देते हैं। तारे की मृत्यु के बाद वह या तो एक श्वेत वामन (white dwarf), न्यूट्रॉन तारा (neutron star) या ब्लैक होल (black hole) में बदल सकता है।
प्रकाशवान तारे ब्रह्मांड में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे ग्रहों को प्रकाश और ऊष्मा प्रदान करते हैं, और भारी तत्वों का निर्माण करते हैं जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।