पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा उर्दू है।
उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा होने के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक भी है। यह भाषा भारत में भी व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है। उर्दू का विकास भारतीय उपमहाद्वीप में हुआ और यह फारसी, अरबी, तुर्की और स्थानीय भाषाओं के मिश्रण से बनी है। पाकिस्तान में इसे राष्ट्रीय भाषा का दर्जा इसलिए दिया गया क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच संचार का एक माध्यम बन सकती थी, भले ही उनकी मातृभाषा अलग हो।
उर्दू पाकिस्तान की शिक्षा, साहित्य, और कला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहाँ पर कई प्रतिष्ठित उर्दू साहित्यकार हुए हैं जिन्होंने इस भाषा को समृद्ध किया है। उर्दू कविता, ग़ज़ल, और नाटकों का एक विशाल संग्रह मौजूद है जो इसकी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान में कई अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं, जिनमें पंजाबी, सिंधी, पश्तो, और बलूची शामिल हैं। इन भाषाओं का भी अपना महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। पाकिस्तान की सरकार इन क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयासरत है, लेकिन उर्दू राष्ट्रीय भाषा के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।