स्कल्पचर सिस्टम एक आकाशगंगा है। स्कल्पचर सिस्टम, जिसे स्कल्पचर ड्वार्फ स्फेरोइडल गैलेक्सी (Sculptor Dwarf Spheroidal Galaxy) भी कहा जाता है, एक बौनी गोलाकार आकाशगंगा है। यह हमारी अपनी आकाशगंगा, मिल्की वे (Milky Way) के चारों ओर घूमने वाली सैटेलाइट गैलेक्सी है। दूरी और स्थान: स्कल्पचर सिस्टम पृथ्वी से लगभग 290,000 प्रकाश वर्ष दूर स्कल्प्टर तारामंडल में स्थित है। आकार और संरचना: यह एक बौनी आकाशगंगा है, जिसका अर्थ है कि इसमें सितारों की संख्या कम है और यह मिल्की वे जैसी बड़ी आकाशगंगाओं की तुलना में बहुत छोटी है। यह गोलाकार आकार की है। तारों की आबादी: स्कल्पचर सिस्टम में मुख्य रूप से पुराने, धातु-गरीब तारे पाए जाते हैं। इसका मतलब है कि इन तारों में हीलियम से भारी तत्वों की मात्रा कम है। डार्क मैटर: ऐसा माना जाता है कि स्कल्पचर सिस्टम में डार्क मैटर की एक महत्वपूर्ण मात्रा है, जो इस आकाशगंगा को एक साथ बांधे रखने में मदद करता है। खोज: स्कल्पचर सिस्टम की खोज 1937 में हारलो शेपली ने की थी। अध्ययन का महत्व: बौनी आकाशगंगाओं का अध्ययन खगोलविदों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं। स्कल्पचर सिस्टम जैसी आकाशगंगाओं का अध्ययन यह समझने में मदद करता है कि ब्रह्मांड में प्रारंभिक आकाशगंगाएँ कैसे बनीं और उन्होंने कैसे विकसित होकर आज के विशाल आकाशगंगाओं का रूप लिया। संक्षेप में, स्कल्पचर सिस्टम एक बौनी गोलाकार आकाशगंगा है जो मिल्की वे की परिक्रमा करती है, और इसका अध्ययन आकाशगंगा के विकास और डार्क मैटर के बारे में हमारी समझ में योगदान देता है।