प्रकाश की गति लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड है। इसे और अधिक सटीक रूप से कहें तो, निर्वात में प्रकाश की गति 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड होती है। इसे अक्षर 'c' से दर्शाया जाता है, और यह भौतिकी में एक मूलभूत स्थिरांक है।
यह गति इतनी तेज है कि हम इसे दैनिक जीवन में अनुभव नहीं कर पाते, लेकिन यह ब्रह्मांड के अध्ययन और संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, सूर्य से प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट 20 सेकंड लगते हैं, जबकि सबसे नजदीकी तारे से प्रकाश को हम तक पहुंचने में कई साल लग जाते हैं।
प्रकाश की गति माध्यम के घनत्व पर निर्भर करती है। निर्वात में यह सबसे तेज होती है, लेकिन जब यह हवा, पानी या कांच जैसे माध्यमों से गुजरती है तो इसकी गति थोड़ी कम हो जाती है। प्रकाश की गति में यह परिवर्तन ही अपवर्तन (refraction) का कारण बनता है, जिसके कारण हमें पानी में डूबी हुई वस्तुएं मुड़ी हुई दिखाई देती हैं।
प्रकाश की गति का सिद्धांत सापेक्षता के सिद्धांत (Theory of Relativity) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रतिपादित किया था। इस सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश की गति सभी पर्यवेक्षकों के लिए समान होती है, चाहे वे कितनी भी गति से चल रहे हों।
संक्षेप में, प्रकाश की गति न केवल बहुत तेज है, बल्कि यह भौतिकी के कई महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने में भी हमारी मदद करती है।