शुक्र ग्रह की सतह का तापमान 462°C रहता है, जो इसे हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह बनाता है। यह तापमान इतना अधिक है कि सीसा जैसी धातु भी पिघल सकती है। इस अत्यधिक तापमान का मुख्य कारण शुक्र ग्रह का घना वातावरण है, जो मुख्यतः कार्बन डाइऑक्साइड से बना है। यह वातावरण ग्रीनहाउस गैसों की तरह काम करता है, जिससे सूर्य की गर्मी ग्रह से बाहर नहीं निकल पाती और ग्रह की सतह पर ही बनी रहती है। शुक्र ग्रह का वायुमंडल पृथ्वी के वायुमंडल की तुलना में लगभग 90 गुना अधिक घना है। इसके अलावा, शुक्र ग्रह के चारों ओर सल्फ्यूरिक एसिड के बादलों की एक मोटी परत भी है, जो सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करती है, लेकिन फिर भी काफी गर्मी ग्रह की सतह तक पहुँच जाती है। यह ध्यान देने योग्य है कि शुक्र ग्रह का तापमान भूमध्य रेखा और ध्रुवों पर लगभग समान रहता है, और दिन और रात के बीच भी बहुत कम अंतर होता है। इसका कारण यह है कि शुक्र ग्रह बहुत धीरे-धीरे घूमता है, जिससे सतह पर गर्मी समान रूप से वितरित हो जाती है।