सूर्य के विपरीत, बुध ग्रह के अंधेरे वाले भाग का तापमान -173°C होता है, जो कि बहुत ठंडा है। यह तापमान इतना कम होने का कारण यह है कि बुध ग्रह का वातावरण बहुत पतला है और इसलिए यह ग्रह गर्मी को बरकरार नहीं रख पाता। इसके अलावा, बुध ग्रह का अक्षीय झुकाव लगभग शून्य है, इसलिए ग्रह के ध्रुवों पर सूर्य का प्रकाश कभी नहीं पहुँचता है, जिससे वे क्षेत्र स्थायी रूप से छाया में रहते हैं और वहां का तापमान और भी कम होता है। यहां कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं: तापमान में अत्यधिक भिन्नता: बुध ग्रह सौरमंडल में तापमान की सबसे अधिक भिन्नता वाला ग्रह है। सूर्य की ओर वाले भाग में तापमान 430°C तक पहुँच सकता है, जबकि अंधेरे वाले भाग में तापमान -173°C तक गिर सकता है। स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्र: बुध ग्रह के ध्रुवों के पास कुछ ऐसे गड्ढे हैं जिनमें सूर्य का प्रकाश कभी नहीं पहुँचता। इन स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में पानी बर्फ के रूप में मौजूद हो सकता है। पतला वातावरण (एक्सोस्फीयर): बुध ग्रह का वातावरण बहुत पतला है, जिसे एक्सोस्फीयर कहा जाता है। यह मुख्य रूप से हीलियम, सोडियम, ऑक्सीजन, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे परमाणुओं से बना है। यह इतना पतला है कि यह तापमान को विनियमित करने में सक्षम नहीं है। अक्षीय झुकाव: बुध ग्रह का अक्षीय झुकाव केवल 0.034 डिग्री है, जो लगभग नगण्य है। इसका मतलब है कि ग्रह के ध्रुवों पर सूर्य का प्रकाश कभी नहीं पहुँचता है, जिससे वे क्षेत्र अत्यंत ठंडे रहते हैं।