सूर्य की बाहरी सतह, जिसे फोटोस्फीयर (Photosphere) कहा जाता है, का तापमान लगभग 6000 डिग्री सेल्सियस (10,832 डिग्री फ़ारेनहाइट) होता है। यह वह परत है जिसे हम आमतौर पर सूर्य को देखते समय देखते हैं। हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि सूर्य का तापमान एकसमान नहीं है। सूर्य के केंद्र का तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस होता है, जो फोटोस्फीयर से कहीं अधिक है। इसके अतिरिक्त, फोटोस्फीयर के ऊपर स्थित कोरोना (Corona) का तापमान आश्चर्यजनक रूप से लाखों डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जो अभी भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ है। कोरोना का तापमान इतना अधिक क्यों होता है, इसके बारे में कई सिद्धांत हैं, जिनमें नैनोफ्लेयर्स और चुंबकीय पुनर्संयोजन शामिल हैं, लेकिन कोई भी सिद्धांत पूरी तरह से संतोषजनक नहीं है। इसलिए, जबकि सूर्य की बाहरी सतह का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस होता है, यह सूर्य के तापमान की पूरी कहानी नहीं बताता है। सूर्य एक जटिल और गतिशील तारा है जिसका तापमान अलग-अलग परतों में बहुत भिन्न होता है।

सूर्य की सतह पर दहकती हुई गैसें हजारों किलोमीटर ऊपर उठती हैं, उसे क्या कहते हैं?

सूर्य की सतह पर हाइड्रोजन के अलावा दूसरा कौन सा तत्व बहुतायत से पाया जाता है?

सूर्य के ऊपर के भाग को क्या कहा जाता है?

सूर्य के कलंक का एक पूरा चक्कर कितने वर्षों का होता है?

सूर्य के कलंकों का तापमान सूर्य के सतह के तापमान से कितना कम होता है?

सूर्य के केन्द्र का ताप कितना डिग्री सेल्सियस है?

सूर्य के केन्द्र में उपस्थित सभी पदार्थ अत्यधिक उच्च तापमान के कारण किस अवस्था में पाये जाते हैं?

सूर्य के केन्द्र से कौन सी तरंगें फोटॉन की धारा के रूप में निकलती है?

सूर्य के केन्द्रीय भाग को क्या कहते है?

सूर्य के कोरोना (Corona) से बाहर की ओर प्रवाहित होने वाली प्रोटॉन की धाराओं को क्या कहा जाता है?