देश की मुद्रा का अन्तर्राष्ट्रीय बाजारो मे आसानी से उपलब्ध होना
देश मे उद्योगो, व्यवसायो और उपभोक्ताओ को कम ब्याज दरो पर ऋण उपलब्ध होना
देश मे उद्योगो, व्यवसायो और उपभोक्ताओ को अधिक ब्याज दरो पर ऋण उपलब्ध कराना
विदेशी मुद्रा का देशीय मुद्रा के पूर्व सापेक्ष मे सस्ते मे उपलब्ध होना