अचानकमार बाघ रिजर्व की स्थापना वर्ष 2008-09 में हुई थी। यह मध्य भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण बाघ संरक्षण क्षेत्र है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित है। इस रिजर्व की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बाघों और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित करना था। अचानकमार बाघ रिजर्व लगभग 914.04 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह मैकल पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां और जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो इसे जैव विविधता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं। रिजर्व में बाघों के अलावा तेंदुए, भालू, हिरण, और कई अन्य वन्यजीव भी पाए जाते हैं। इस रिजर्व की स्थापना से बाघों की आबादी को स्थिर करने और बढ़ाने में मदद मिली है। इसके साथ ही, यह क्षेत्र स्थानीय समुदायों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी आजीविका काफी हद तक वन संसाधनों पर निर्भर करती है। रिजर्व प्रबंधन स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करता है ताकि संरक्षण प्रयासों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके और उन्हें वन संसाधनों का सतत उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। अचानकमार बाघ रिजर्व छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जहाँ प्रकृति प्रेमी और वन्यजीव उत्साही बड़ी संख्या में आते हैं। यह रिजर्व वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।