सूर्य की सतह पर दहकती हुई गैसें हजारों किलोमीटर ऊपर उठती हैं, जिसे 'सौर ज्वाला' कहते हैं। ये सौर ज्वालाएं (Solar Flares) सूर्य के वायुमंडल में होने वाले सबसे शक्तिशाली विस्फोटों में से एक हैं। ये अचानक ऊर्जा के रिलीज होने के कारण होती हैं, जो एक्स-रे और यूवी विकिरण के रूप में पूरे सौरमंडल में फैलती हैं।
यहां कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:
कारण: सौर ज्वालाएं आमतौर पर सूर्य के धब्बों (Sunspots) के आसपास चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के अचानक पुन: संयोजन के कारण उत्पन्न होती हैं। जब ये रेखाएं उलझ जाती हैं और टूट जाती हैं, तो वे बड़ी मात्रा में ऊर्जा छोड़ती हैं जो प्लाज्मा (गैस) को गर्म करती हैं और उसे अंतरिक्ष में फेंक देती हैं।
प्रभाव: सौर ज्वालाओं का पृथ्वी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। वे रेडियो संचार में हस्तक्षेप कर सकती हैं, उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, और यहां तक कि बिजली ग्रिड को भी बाधित कर सकती हैं।
वर्गीकरण: सौर ज्वालाओं को उनकी तीव्रता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। सबसे छोटी ज्वालाओं को A-श्रेणी में रखा जाता है, जबकि सबसे शक्तिशाली ज्वालाओं को X-श्रेणी में रखा जाता है।
अवधि: सौर ज्वालाएं आमतौर पर कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक चलती हैं।
महत्व: सौर ज्वालाएं सूर्य के व्यवहार को समझने और अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनका अध्ययन करके, वैज्ञानिक पृथ्वी और हमारे तकनीकी बुनियादी ढांचे पर इनके संभावित प्रभावों को कम करने के लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं।
Answered :- 2022-11-30 09:32:55
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