यूरोपा बृहस्पति ग्रह का प्रमुख उपग्रह है। यह बृहस्पति के चार गैलीलियन चंद्रमाओं में से एक है, जिन्हें गैलीलियो गैलीली ने 1610 में खोजा था। यूरोपा आकार में पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा छोटा है और इसे सौरमंडल में सबसे चिकनी सतहों में से एक माना जाता है। इसकी सतह मुख्य रूप से जमी हुई पानी से बनी है, जिसके नीचे एक वैश्विक महासागर होने का अनुमान है।
इस बर्फीली परत के नीचे तरल पानी की उपस्थिति ने वैज्ञानिकों के बीच बहुत रुचि पैदा की है, क्योंकि यह जीवन के लिए संभावित रूप से अनुकूल वातावरण हो सकता है। माना जाता है कि इस महासागर को ज्वारीय तापन के माध्यम से तरल अवस्था में रखा जाता है, जो कि बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है।
यूरोपा की सतह पर बहुत कम क्रेटर हैं, जो इसकी भूगर्भीय गतिविधि का संकेत देते हैं। सतह पर लंबी, अंधेरी रेखाएँ भी दिखाई देती हैं, जिन्हें "रेखाएँ" कहा जाता है। इन रेखाओं को दरारें या फ्रैक्चर माना जाता है जो ज्वारीय बलों द्वारा बनाई गई हैं।
यूरोपा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कई अंतरिक्ष यान मिशन भेजे गए हैं, जिनमें वायजर और गैलीलियो शामिल हैं। भविष्य में, नासा का यूरोपा क्लिपर मिशन और ईएसए का जूस (JUICE) मिशन यूरोपा का अध्ययन करने और इसके महासागर की क्षमता का पता लगाने के लिए और अधिक डेटा एकत्र करेंगे।
Answered :- 2022-11-30 09:32:55
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