पृथ्वी सूर्य के चारों ओर लगभग 30 किलोमीटर प्रति सेकंड की दर से चक्कर लगाती है। यह गति बहुत तेज है - कल्पना कीजिए कि आप हर सेकंड में 30 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर रहे हैं! यहां कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं: कक्षीय गति भिन्न होती है: पृथ्वी की कक्षा पूरी तरह से गोलाकार नहीं है, बल्कि थोड़ी अंडाकार (दीर्घवृत्ताकार) है। इसका मतलब है कि पृथ्वी की गति पूरे वर्ष में थोड़ी बदलती रहती है। जब पृथ्वी सूर्य के सबसे करीब होती है (जिसे उपसौर कहा जाता है), तो यह थोड़ी तेजी से यात्रा करती है, और जब यह सबसे दूर होती है (जिसे अपसौर कहा जाता है), तो यह थोड़ी धीमी गति से यात्रा करती है। किलोमीटर प्रति घंटा: यदि हम इसे किलोमीटर प्रति घंटे में बदलना चाहें तो यह लगभग 108,000 किमी/घंटा होगा। इस गति का कारण: पृथ्वी की इस गति का कारण सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल है। गुरुत्वाकर्षण ही पृथ्वी को सूर्य की ओर गिरने से रोकता है। महत्व: यह गति पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। इसी गति के कारण पृथ्वी सूर्य से उचित दूरी बनाए रखती है, जिससे यहां का तापमान जीवन के अनुकूल बना रहता है। साथ ही, पृथ्वी की इस गति और अक्षीय झुकाव के कारण ही ऋतुएँ बदलती हैं। संक्षेप में, पृथ्वी की 30 किमी/सेकंड की गति एक महत्वपूर्ण कारक है जो हमारे ग्रह को रहने योग्य बनाता है।