भारत की तटरेखा 7516.6 किलोमीटर लंबी है और यह 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पर्श करती है। यह न केवल भारत की भौगोलिक विविधता का प्रमाण है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। राज्यों की बात करें तो, ये राज्य हैं: 1. गुजरात: भारत में सबसे लंबी तटरेखा वाला राज्य, जो व्यापार और मत्स्य पालन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। 2. आंध्र प्रदेश: अपनी उपजाऊ भूमि और बंदरगाहों के लिए जाना जाता है। 3. तमिलनाडु: प्राचीन मंदिरों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ एक महत्वपूर्ण तटीय राज्य। 4. महाराष्ट्र: भारत की वित्तीय राजधानी और एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र। 5. केरल: अपने शांत बैकवाटर्स और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध। 6. ओडिशा: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खनिज संसाधनों के लिए जाना जाता है। 7. कर्नाटक: प्रौद्योगिकी और पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र। 8. पश्चिम बंगाल: संस्कृति और कला का केंद्र। 9. गोवा: अपने सुंदर समुद्र तटों और पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं: दमन और दीव लक्षद्वीप पुडुचेरी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह दादरा और नगर हवेली यह तटरेखा न केवल इन क्षेत्रों को आपस में जोड़ती है, बल्कि समुद्री व्यापार, मत्स्य पालन और पर्यटन जैसे विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का भी समर्थन करती है। यह भारत की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश को समुद्री खतरों से बचाता है। भारत की तटरेखा जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसमें मैंग्रोव, प्रवाल भित्तियाँ और विभिन्न प्रकार की समुद्री प्रजातियाँ शामिल हैं। यह कई तटीय समुदायों के लिए आजीविका का स्रोत भी है। हालांकि, भारत की तटरेखा जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और अतिक्रमण जैसी विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। इन चुनौतियों का समाधान करने और तटरेखा की रक्षा करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।