1956 से 1962 तक जगजीवन राम ने सात बार रेल बजट पेश किया था। यह एक महत्वपूर्ण अवधि थी जब भारत में रेलवे का तेजी से विकास हो रहा था। जगजीवन राम, जो एक अनुभवी और दूरदर्शी नेता थे, ने इस विकास को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने नई रेल लाइनों का निर्माण शुरू करवाया, यात्री सुविधाओं में सुधार किया, और माल ढुलाई को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए। जगजीवन राम का यह योगदान भारतीय रेलवे के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। उनके द्वारा शुरू किए गए कार्य आज भी रेलवे के विकास को गति प्रदान कर रहे हैं।