आपका मूल उत्तर सही है, लेकिन हम इसे थोड़ा और विस्तार से बता सकते हैं:
सूर्य के कलंकों का एक पूरा चक्र, जिसे सौर चक्र या हैले चक्र भी कहा जाता है, लगभग 22 वर्षों का होता है। हालांकि, इस चक्र को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
11 वर्षीय सौर गतिविधि चक्र: यह चक्र सूर्य के कलंकों की संख्या में उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। लगभग 11 वर्षों में, सूर्य के कलंकों की संख्या न्यूनतम से अधिकतम तक बढ़ती है, और फिर वापस न्यूनतम तक घट जाती है। इस चक्र के दौरान, सूर्य की चुंबकीय ध्रुवता भी बदल जाती है।
चुंबकीय ध्रुवता चक्र: इस चक्र में, सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र पूरी तरह से उलट जाते हैं। इसका मतलब है कि उत्तरी ध्रुव दक्षिणी ध्रुव बन जाता है, और दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव बन जाता है। इस ध्रुवता परिवर्तन को पूरा होने में लगभग 22 साल लगते हैं।
इसलिए, जबकि हम आमतौर पर "सौर चक्र" को 11 साल के चक्र के रूप में संदर्भित करते हैं, पूरे चुंबकीय चक्र को पूरा होने में 22 साल लगते हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
सूर्य के कलंक सूर्य की सतह पर दिखने वाले अस्थायी, गहरे धब्बे होते हैं। ये धब्बे सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में होने वाली गतिविधि के कारण बनते हैं। सूर्य के कलंकों की संख्या में परिवर्तन पृथ्वी पर विभिन्न प्रभावों का कारण बन सकता है, जैसे कि संचार प्रणाली में व्यवधान और जलवायु परिवर्तन।
Answered :- 2022-11-30 09:32:55
Academy