हैली पुच्छलतारा का परिभ्रमण काल लगभग 76 वर्ष का होता है। इसका मतलब है कि यह तारा सूर्य का एक चक्कर लगाने में 76 साल लेता है। यह एक प्रसिद्ध और आसानी से पहचाना जाने वाला आवधिक धूमकेतु (periodic comet) है। यहां कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं: अंतिम दर्शन: हैली पुच्छलतारा को आखिरी बार 1986 में देखा गया था। अगला दर्शन: यह अनुमान है कि इसे अगली बार 2061 में देखा जा सकेगा। कक्षा: हैली धूमकेतु की कक्षा अत्यधिक अण्डाकार (elliptical) है, जिसका मतलब है कि यह सूर्य के चारों ओर एक लम्बे, चपटे रास्ते पर घूमता है। खोज: इसका नाम अंग्रेजी खगोलशास्त्री एडमंड हैली के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1705 में पता लगाया था कि 1531, 1607 और 1682 में देखे गए धूमकेतु वास्तव में एक ही वस्तु थे और उन्होंने इसकी अगली उपस्थिति की भविष्यवाणी की थी। हालांकि इसे पहले भी देखा गया था, हैली पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इसकी आवधिकता को पहचाना। महत्व: हैली धूमकेतु के अध्ययन ने धूमकेतुओं की प्रकृति और सौर मंडल की संरचना को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उल्का वर्षा: हैली धूमकेतु से जुड़े दो उल्का वर्षा हैं: मई में एक्वेरिड्स (Eta Aquariids) और अक्टूबर में ओरिओनिड्स (Orionids)। ये उल्का वर्षा तब होती हैं जब पृथ्वी हैली धूमकेतु द्वारा छोड़े गए मलबे के रास्ते से गुजरती है।