अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) की स्थापना 1945 ई0 में हुई थी। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), जिसे विश्व न्यायालय के रूप में भी जाना जाता है, संयुक्त राष्ट्र (UN) का प्रमुख न्यायिक अंग है। इसकी स्थापना जून 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा की गई थी, और इसने 1946 में हेग (नीदरलैंड) में पीस पैलेस में काम करना शुरू किया। यह न्यायालय राज्यों के बीच कानूनी विवादों का निपटारा करता है और अधिकृत संयुक्त राष्ट्र अंगों और विशिष्ट एजेंसियों द्वारा उठाए गए कानूनी सवालों पर सलाहकारी राय देता है। ICJ संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। इसके मुख्य कार्य हैं: विवादों का निपटारा: राज्यों के बीच कानूनी विवादों को अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार हल करना। सलाहकारी राय: संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों को कानूनी मामलों पर सलाह देना। न्यायालय 15 न्यायाधीशों से बना है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा नौ साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। न्यायाधीशों का चुनाव यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि विश्व की प्रमुख सभ्यताओं और कानूनी प्रणालियों का प्रतिनिधित्व हो। ICJ का क्षेत्राधिकार केवल राज्यों तक सीमित है, व्यक्तियों तक नहीं। राज्य स्वेच्छा से ICJ के समक्ष अपने विवाद प्रस्तुत करते हैं। न्यायालय के निर्णय बाध्यकारी होते हैं, लेकिन इसके पास उन्हें लागू करने की कोई शक्ति नहीं है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ICJ के निर्णयों को लागू करने के लिए कदम उठा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय अंतर्राष्ट्रीय कानून के विकास और राज्यों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।