अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना 1945 में हुई थी, लेकिन इसकी नींव जुलाई 1944 में ब्रेटन वुड्स समझौते के तहत रखी गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, वैश्विक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 44 देशों के प्रतिनिधियों ने ब्रेटन वुड्स, न्यू हैम्पशायर, अमेरिका में मुलाकात की थी। IMF की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों को भुगतान संतुलन की समस्याओं से निपटने में मदद करना, विनिमय दर स्थिरता बनाए रखना, और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना था। शुरुआत में, इसका ध्यान यूरोप के युद्धग्रस्त देशों के पुनर्निर्माण पर था, लेकिन बाद में इसने विकासशील देशों को भी सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया। IMF के मुख्य कार्य निगरानी (surveillance), ऋण प्रदान करना (lending), और क्षमता निर्माण (capacity development) हैं। यह सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं की निगरानी करता है, आर्थिक संकटों के समय उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करता है, और आर्थिक नीतियों को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करता है। IMF का मुख्यालय वाशिंगटन, डी.सी. में स्थित है और यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।