सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलंपस मॉन्स (Olympus Mons) है, जो मंगल ग्रह पर स्थित है। यह एक विशालकाय शील्ड ज्वालामुखी (shield volcano) है। आपकी जानकारी बिल्कुल सही है, लेकिन यहाँ कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:
आकार: ओलंपस मॉन्स लगभग 600 किलोमीटर चौड़ा और 25 किलोमीटर ऊँचा है। इसकी तुलना में, पृथ्वी का सबसे बड़ा ज्वालामुखी, मौना लोआ (Mauna Loa) हवाई में है, जो लगभग 120 किलोमीटर चौड़ा और 4 किलोमीटर ऊँचा है। ओलंपस मॉन्स मौना लोआ से कहीं अधिक विशाल है।
निर्माण: ओलंपस मॉन्स का निर्माण करोड़ों वर्षों में धीरे-धीरे हुए लावा प्रवाह से हुआ है। मंगल ग्रह पर टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता (plate tectonics) नहीं होने के कारण, लावा एक ही स्थान पर जमा होता रहा, जिससे यह विशाल ज्वालामुखी बन गया।
विशेषताएं: ओलंपस मॉन्स के आधार पर एक खड़ी चट्टान है, जो लगभग 6 किलोमीटर ऊँची है। यह चट्टान संभवतः ज्वालामुखी के किनारों के ढहने से बनी है। ज्वालामुखी के शिखर पर छह काल्डेरा (calderas) हैं, जो ज्वालामुखी के फटने और मैग्मा कक्ष के खाली होने के कारण बने हैं।
भूवैज्ञानिक इतिहास: वैज्ञानिकों का मानना है कि ओलंपस मॉन्स अरबों साल पहले बना था और यह अभी भी सक्रिय हो सकता है, हालाँकि वर्तमान में इसके सक्रिय होने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है।
यह विशाल ज्वालामुखी न केवल मंगल ग्रह पर, बल्कि पूरे सौरमंडल में एक अद्भुत भूवैज्ञानिक संरचना है।
Answered :- 2022-11-30 09:34:30
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