शनि सौरमंडल का सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है। इसका घनत्व लगभग 0.687 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर है, जो पानी के घनत्व (1 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर) से भी कम है। इसका मतलब है कि अगर शनि को एक विशालकाय पानी के टब में रखा जाए, तो वह तैरने लगेगा!
शनि के कम घनत्व का मुख्य कारण इसकी संरचना है। यह मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से बना है। इसके अलावा, इसमें थोड़ी मात्रा में अमोनिया, मीथेन और पानी की बर्फ भी मौजूद है। शनि का कोर चट्टानी माना जाता है, लेकिन यह ग्रह के कुल द्रव्यमान का एक छोटा सा हिस्सा है।
शनि के छल्ले भी इसके घनत्व को प्रभावित करते हैं। ये छल्ले बर्फ के छोटे-छोटे कणों और चट्टानों से बने हैं, जो ग्रह के चारों ओर घूमते हैं।
शनि के अलावा, अन्य गैस दानवों (बृहस्पति, यूरेनस और नेप्च्यून) का घनत्व भी चट्टानी ग्रहों (पृथ्वी, मंगल, बुध और शुक्र) की तुलना में कम होता है।
Answered :- 2022-11-30 09:34:30
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