21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण 22 जुलाई, 2009 को देखा गया था। यह ग्रहण भारत सहित एशिया के कई हिस्सों में दिखाई दिया, जिससे करोड़ों लोगों को इस खगोलीय घटना का अनुभव करने का मौका मिला।
इस ग्रहण की सबसे खास बात यह थी कि यह 6 मिनट 39 सेकंड तक चला, जो इसे इस सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण बनाता है। ग्रहण के दौरान, चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह से ढक लिया, जिससे दिन में अंधेरा छा गया और तारे दिखाई देने लगे। तापमान में भी गिरावट आई और जानवरों के व्यवहार में बदलाव देखा गया।
वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए यह ग्रहण अध्ययन का एक महत्वपूर्ण अवसर था। उन्होंने ग्रहण के दौरान सूर्य के कोरोना का अध्ययन किया, जो सूर्य का बाहरी वातावरण है और आमतौर पर नग्न आंखों से दिखाई नहीं देता है। इसके अतिरिक्त, ग्रहण ने वैज्ञानिकों को आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत का परीक्षण करने और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र द्वारा प्रकाश के झुकने को मापने का भी अवसर प्रदान किया।
22 जुलाई, 2009 का सूर्यग्रहण एक यादगार घटना थी जिसने न केवल खगोल विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाई बल्कि हमें ब्रह्मांड की विशालता और जटिलता के बारे में भी सोचने पर मजबूर किया।
Answered :- 2022-12-22 09:26:30
Academy