ह्वांगहो नदी, जिसे पीली नदी के नाम से भी जाना जाता है, का उद्गम स्रोत तिब्बती पठार के पूर्वी भाग में स्थित क्युनलुन पर्वत श्रृंखला से है। विशेष रूप से, यह चिंगहाई प्रांत में स्थित बायान हर पर्वत (Bayan Har Mountains) से निकलती है। उद्गम बिंदु की ऊँचाई: ह्वांगहो नदी का उद्गम समुद्र तल से लगभग 4,500 मीटर (14,764 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। यह उच्च ऊंचाई नदी को तेजी से बहने वाली और शक्तिशाली बनाती है, खासकर इसके ऊपरी हिस्से में। नाम का अर्थ: ह्वांगहो का अर्थ है "पीली नदी"। इसे यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि यह अपने मार्ग में लोएस मिट्टी को बहाकर लाती है, जिससे पानी पीला हो जाता है। मार्ग: यह नदी लगभग 5,464 किलोमीटर (3,395 मील) तक बहती है, जो इसे एशिया की दूसरी सबसे लंबी नदी बनाती है (यांग्त्ज़ी नदी के बाद)। यह नौ प्रांतों से होकर बहती है: चिंगहाई, सिचुआन, गांसू, निंग्ज़िया, इनर मंगोलिया, शानक्सी, शांक्सी, हेनान और शेडोंग। मुहाना: ह्वांगहो नदी बोहाई सागर में गिरती है, जो पीला सागर का हिस्सा है। महत्व: ह्वांगहो नदी का चीन के इतिहास और संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। इसे "चीनी सभ्यता का पालना" माना जाता है, क्योंकि इसकी घाटी में ही प्राचीन चीनी सभ्यता का विकास हुआ था। यह सिंचाई, जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है। चुनौतियां: ह्वांगहो नदी गाद (silt) की भारी मात्रा के कारण बाढ़ और कटाव जैसी चुनौतियों का सामना करती है। गाद के जमाव के कारण नदी का तल ऊपर उठ जाता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। चीन सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रही है।