सेरीस ग्रह, जो कि एक बौना ग्रह (dwarf planet) है, सूर्य से लगभग 4 अरब 46 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह दूरी, पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से काफी अधिक है, जो लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है। इस विशाल दूरी के कारण, सेरीस को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 4.6 वर्ष लगते हैं।
सेरीस क्षुद्रग्रह बेल्ट (asteroid belt) में स्थित सबसे बड़ी वस्तु है, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच स्थित है। इसकी खोज 1801 में ग्यूसेप पियाज़ी (Giuseppe Piazzi) ने की थी। शुरू में इसे एक ग्रह माना गया था, लेकिन बाद में क्षुद्रग्रहों की बढ़ती संख्या के कारण इसे एक क्षुद्रग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया। 2006 में, अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (International Astronomical Union - IAU) ने इसे एक बौने ग्रह के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया।
सेरीस का व्यास लगभग 940 किलोमीटर है, और यह इतना बड़ा है कि इसका गुरुत्वाकर्षण इसे गोलाकार आकार देता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सेरीस की सतह के नीचे पानी की एक महत्वपूर्ण मात्रा मौजूद है, जो इसे जीवन की संभावना के अध्ययन के लिए एक दिलचस्प लक्ष्य बनाती है। नासा के डॉन (Dawn) अंतरिक्ष यान ने 2015 में सेरीस का दौरा किया और इसकी सतह और आंतरिक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। डॉन अंतरिक्ष यान ने सेरीस पर कई चमकदार धब्बे भी खोजे, जो सोडियम कार्बोनेट जैसे लवणों से बने हैं, और यह सुझाव देते हैं कि अतीत में यहां जल-तापीय गतिविधि (hydrothermal activity) रही होगी।
Answered :- 2022-12-22 09:45:15
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