सौर मंडल का लगभग 99.9% द्रव्यमान सूर्य में निहित है, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण तथ्य है जो सूर्य की सौर मंडल में केंद्रीय भूमिका को दर्शाता है। इस विशाल द्रव्यमान के कारण, सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल सौर मंडल के सभी ग्रहों, उपग्रहों, क्षुद्रग्रहों, धूमकेतुओं और अन्य छोटे पिंडों को अपनी कक्षा में बनाए रखता है। सूर्य के विशाल द्रव्यमान को समझने के लिए, कुछ और तथ्यों पर विचार करना महत्वपूर्ण है: सूर्य का आकार: सूर्य का व्यास पृथ्वी से लगभग 109 गुना अधिक है। सूर्य का घनत्व: सूर्य का औसत घनत्व पृथ्वी के घनत्व से बहुत कम है, लेकिन इसके विशाल आकार के कारण इसका कुल द्रव्यमान बहुत अधिक है। सूर्य की संरचना: सूर्य मुख्य रूप से हाइड्रोजन (लगभग 71%) और हीलियम (लगभग 27%) से बना है। शेष 2% में अन्य भारी तत्व शामिल हैं। सूर्य में ऊर्जा उत्पादन: सूर्य के केंद्र में, परमाणु संलयन की प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिसमें हाइड्रोजन परमाणु मिलकर हीलियम बनाते हैं। इस प्रक्रिया में अपार मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो सूर्य को प्रकाश और गर्मी प्रदान करती है। सूर्य के द्रव्यमान के कारण ही पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर जीवन संभव हो पाया है, क्योंकि यह ग्रहों को एक निश्चित कक्षा में स्थिर रखता है और उन्हें सूर्य से पर्याप्त दूरी पर रखता है ताकि तापमान जीवन के अनुकूल बना रहे। संक्षेप में, सूर्य का 99.9% द्रव्यमान सौर मंडल को स्थिरता प्रदान करता है, ऊर्जा का स्रोत है, और जीवन के लिए आवश्यक परिस्थितियों का निर्माण करता है।