अढ़ाई दिन का झोपड़ा राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में स्थित है।
अढ़ाई दिन का झोपड़ा, अजमेर में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है। इसका निर्माण मूल रूप से 1153 ईस्वी में विग्रहराज चतुर्थ (बीसलदेव) द्वारा एक संस्कृत महाविद्यालय के रूप में करवाया गया था। बाद में, 1192 ईस्वी में मुहम्मद गौरी ने अजमेर पर विजय प्राप्त करने के बाद, इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया।
कहा जाता है कि इस ढांचे का निर्माण केवल "अढ़ाई दिन" (लगभग ढाई दिन) में किया गया था, जिसके कारण इसका नाम "अढ़ाई दिन का झोपड़ा" पड़ा। हालांकि, यह नामकरण विवादास्पद है और कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह नाम शायद किसी मेले से संबंधित है जो पहले यहां आयोजित होता था।
यह इमारत इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें हिंदू और इस्लामी शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है। संस्कृत महाविद्यालय के समय के खंभे और छतें अभी भी मौजूद हैं, जिन पर संस्कृत में शिलालेख खुदे हुए हैं। मस्जिद के रूप में रूपांतरण के दौरान, दीवारों पर कुरान की आयतें लिखी गईं और मेहराब बनाए गए।
अढ़ाई दिन का झोपड़ा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है और यह पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण है। यह न केवल अपनी वास्तुकला के लिए बल्कि अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाना जाता है।
Answered :- 2022-12-05 18:00:02
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