उत्तर प्रदेश राज्य में 1903 में भारत की पहली चीनी मिल की स्थापना हुई थी, यह मिल देवरिया जिले के प्रतापपुर नामक स्थान पर स्थापित की गई थी। इस मिल की स्थापना का श्रेय अंग्रेजों को जाता है, जिन्होंने भारत में गन्ने की खेती और चीनी उत्पादन की क्षमता को पहचाना था। इस मिल की स्थापना का उद्देश्य भारत में चीनी उत्पादन को बढ़ावा देना और ब्रिटिश साम्राज्य के लिए चीनी की आपूर्ति सुनिश्चित करना था। प्रतापपुर चीनी मिल की स्थापना से उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती को प्रोत्साहन मिला और यह क्षेत्र चीनी उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन गया। इसके अलावा, इस मिल ने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा किए।