कोपरनिकस ने यह तो कहा था कि सूर्य ब्रह्मांड का केन्द्र है, लेकिन इस बात को थोड़ा और विस्तार से समझना ज़रूरी है। दरअसल, कोपरनिकस ने यह दावा किया था कि सूर्य सौरमंडल का केंद्र है, न कि पूरे ब्रह्मांड का।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
कोपरनिकस का हेलियोसेंट्रिक मॉडल: निकोलस कोपरनिकस ने 16वीं सदी में हेलियोसेंट्रिक मॉडल का प्रस्ताव रखा, जिसमें उन्होंने कहा कि पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं, न कि पृथ्वी के चारों ओर। यह जियोसेंट्रिक मॉडल के विपरीत था, जो कि उस समय का प्रचलित विचार था कि पृथ्वी ब्रह्मांड के केंद्र में स्थित है।
ब्रह्मांड का केंद्र नहीं: कोपरनिकस ने कभी भी यह नहीं कहा कि सूर्य पूरे ब्रह्मांड का केंद्र है। उस समय तक, ब्रह्मांड की अवधारणा आज की तुलना में बहुत सीमित थी। कोपरनिकस का मॉडल मुख्य रूप से सौरमंडल तक ही सीमित था।
खगोल विज्ञान में क्रांति: कोपरनिकस के हेलियोसेंट्रिक मॉडल ने खगोल विज्ञान में एक क्रांति ला दी और वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड को बेहतर ढंग से समझने में मदद की।
अन्य खगोलविदों का योगदान: कोपरनिकस के बाद, गैलीलियो गैलीली और जोहान्स केप्लर जैसे खगोलविदों ने भी हेलियोसेंट्रिक मॉडल के समर्थन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। केप्लर ने ग्रहों की कक्षाओं के बारे में नियम प्रतिपादित किए, जिससे सूर्य-केंद्रित मॉडल की सटीकता और बढ़ गई।
आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान: आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान के अनुसार, ब्रह्मांड का कोई विशेष केंद्र नहीं है। ब्रह्मांड का विस्तार हर दिशा में समान रूप से हो रहा है।
Answered :- 2022-12-22 09:46:28
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