सूर्य सौरमंडल का केंद्र है, यह बात सबसे पहले निकोलस कोपरनिकस (Nicolaus Copernicus) ने बताई थी। केपलर (Johannes Kepler) ने नहीं। कोपरनिकस ने 1543 में अपनी पुस्तक "डी रिवोल्यूशनिबस ऑर्बियम कोएलेस्टियम" (De Revolutionibus Orbium Coelestium) में हेलिओसेंट्रिक मॉडल (Heliocentric model) का प्रस्ताव रखा, जिसमें सूर्य को सौरमंडल के केंद्र में और ग्रहों को उसके चारों ओर घूमते हुए दर्शाया गया था।
केपलर ने कोपरनिकस के मॉडल को आगे बढ़ाया। केपलर ने ग्रहों की गति के नियमों का प्रतिपादन किया। उन्होंने तीन नियम दिए:
1. कक्षाओं का नियम: ग्रहों की कक्षाएँ दीर्घवृत्ताकार (elliptical) होती हैं, जिनमें सूर्य एक फोकस पर होता है।
2. क्षेत्रफल का नियम: ग्रह सूर्य के चारों ओर समान समय में समान क्षेत्रफल तय करते हैं।
3. आवर्तकाल का नियम: ग्रह की परिक्रमा अवधि का वर्ग उसकी कक्षा के अर्ध-दीर्घ अक्ष (semi-major axis) के घन के समानुपाती होता है।
इसलिए, सूर्य सौरमंडल का केंद्र है, यह बात कोपरनिकस ने बताई थी। केपलर ने कोपरनिकस के मॉडल को और बेहतर ढंग से समझाया और ग्रहों की गति के नियमों का प्रतिपादन किया।
Answered :- 2022-12-22 09:46:28
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