भारत का राष्ट्रगान, "जन गण मन," सर्वप्रथम 1912 में 'तत्त्वबोधिनी पत्रिका' में "भारत भाग्य विधाता" शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। यह पत्रिका ब्राह्मो समाज से जुड़ी थी और इसका प्रकाशन रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा किया गया था।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी है:
रचनाकार: राष्ट्रगान के रचयिता रवींद्रनाथ टैगोर थे, जिन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने मूल रूप से इसे बंगाली में लिखा था।
पहला सार्वजनिक गायन: इसे पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था।
राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृति: 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा द्वारा इसे आधिकारिक रूप से भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।
गायन का समय: राष्ट्रगान को गाने का आधिकारिक समय लगभग 52 सेकंड है। इसका एक संक्षिप्त संस्करण भी है, जिसमें पहली और अंतिम पंक्तियाँ शामिल हैं, और इसे लगभग 20 सेकंड में गाया जाता है।
अर्थ: राष्ट्रगान भारत और उसकी जनता की प्रशंसा में लिखा गया है। यह भारत की एकता, संप्रभुता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
इस प्रकार, "भारत भाग्य विधाता" शीर्षक न केवल राष्ट्रगान का प्रारंभिक प्रकाशन शीर्षक था, बल्कि यह उस भावना और उद्देश्य को भी दर्शाता है जिसके साथ टैगोर ने इसे लिखा था - भारत के भाग्य के निर्माता की स्तुति।
Answered :- 2022-12-22 09:46:28
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