• औपचारिक संक्रियात्मक बच्चा- अनुकरण प्रारंभ, कल्पनापरक खेल

  • शैशवावस्था- तर्क का अनुपयोग और अनुमान लगाने में सक्षम

  • पूर्वसंक्रियात्मक बच्चा-निगमनात्मक विचार

  • मूर्त संक्रियात्मकबच्चा- संधारण एवं वर्गीकरण करने योग्य


मूर्त संक्रियात्मकबच्चा- संधारण एवं वर्गीकरण करने योग्य

पियाजे के अनुसार बच्चों का चिंतन वयस्कों से……………. में भिन्न होता है बजाय……….के।

शिक्षा-मनोविज्ञान की प्रकृति के संबंध में कहा जा सकता है

शिक्षा- मनोविज्ञान अध्ययन का उद्देश्य है

शिक्षण प्रक्रिया के अंग हैं

शिक्षा का संबंध है

किस मत के अनुयायियों का कथन है कि विकास की क्रिया का आरंभ सिर से होता है

.बालक के निजी व्यवहार का अंकन करने में कौन सी विधि सहायक होती है

बालक को आनंददायक सरल कहानियों द्वारा नैतिक शिक्षा प्रदान करना चाहिए किसका कथन है

छात्रों के व्यक्तित्व को मापने और परामर्श देने के लिए जिस पद्धति का प्रयोग किया जाता है

जब हम किसी भी व्यक्ति के विकास के विषय में चिंतन करते हैं तो हमारा आशय