बड़े परिवार में बच्चों की ‘ बोलना’ सीखने की गति तेज होती है।
निर्धन परिवारों से आए बच्चों की ‘ बोलना’ सीखने की गति धीमी होती है।
कहने-सुनने के अधिक-से-अधिक अवसर मिलने पर बच्चे बोलना सरलता से सीखते हैं।
सभी बच्चों की ‘बोलना’ सीखने की गति एक समान होती है।