जैन धर्म के 5वें तीर्थंकर सुमतिनाथ थे।
सुमतिनाथ जी का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा मेघ और माता का नाम सुमंगला देवी था। सुमतिनाथ जी का चिह्न क्रौंच पक्षी (Heron) है। उन्होंने सांसारिक मोह-माया का त्याग कर आत्म-अनुशासन और तपस्या के मार्ग को अपनाया। दीक्षा लेने के बाद, उन्होंने गहन ध्यान और साधना की और अंततः कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (इंद्रियों पर नियंत्रण) और अपरिग्रह (गैर-संलग्नता) के जैन सिद्धांतों का प्रसार किया। उनके अनुयायियों ने उनके दिखाए मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त करने का प्रयास किया। सुमतिनाथ जी जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थंकर माने जाते हैं।
Answered :- 2022-12-08 07:59:58
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