अकबर ने दहसाला नाम की नवीन कर प्रणाली 1580 ई० में प्रारम्भ की थी। यह प्रणाली टोडरमल द्वारा विकसित की गई थी, जो अकबर के दरबार में एक प्रमुख वित्त मंत्री थे। दहसाला प्रणाली, जिसे 'टोडरमल बंदोबस्त' के नाम से भी जाना जाता है, भूमि राजस्व निर्धारण की एक सुव्यवस्थित और मानकीकृत विधि थी। दहसाला प्रणाली के तहत, पिछले दस वर्षों के दौरान विभिन्न फसलों की औसत उपज और कीमतों का आकलन किया जाता था। इस डेटा के आधार पर, राज्य के लिए एक निश्चित कर निर्धारित किया जाता था। यह प्रणाली किसानों के लिए अधिक पूर्वानुमानित थी क्योंकि उन्हें पता था कि उन्हें कितना कर देना है, भले ही फसल खराब हो जाए। दहसाला प्रणाली मुगल साम्राज्य में भूमि राजस्व प्रशासन में एक महत्वपूर्ण सुधार थी। इसने कर संग्रह को सुव्यवस्थित किया, भ्रष्टाचार को कम किया, और राज्य के राजस्व को बढ़ाया। यह प्रणाली अगले कई दशकों तक मुगल साम्राज्य में उपयोग में रही, और इसने बाद के भूमि राजस्व प्रणालियों को भी प्रभावित किया। इसके अलावा, इस प्रणाली ने किसानों और राज्य के बीच संबंधों को स्थिर करने में भी मदद की, क्योंकि इसने एक स्पष्ट और निष्पक्ष कर निर्धारण प्रक्रिया प्रदान की।

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