अल-बिरूनी, जिन्हें अबू रेहान मुहम्मद इब्न अहमद अल-बिरूनी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध विद्वान, खगोलशास्त्री, गणितज्ञ, भूगोलवेत्ता और इतिहासकार थे। वे महमूद गजनवी के शासनकाल में थे।
अल-बिरूनी का जीवन परिचय:
अल-बिरूनी का जन्म 973 ई. में ख्वारिज़्म (वर्तमान में उज्बेकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ख्वारिज़्म में ही प्राप्त की और बाद में विभिन्न विषयों का अध्ययन करने के लिए बगदाद गए। उन्होंने अरबी, फारसी, संस्कृत और ग्रीक भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया था।
महमूद गजनवी के दरबार में:
अल-बिरूनी महमूद गजनवी के दरबार में एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। उन्होंने महमूद गजनवी के साथ भारत के कई अभियानों में भाग लिया और भारत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
अल-बिरूनी की रचनाएँ:
अल-बिरूनी ने विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध "किताब अल-हिंद" है। यह पुस्तक भारत के धर्म, दर्शन, विज्ञान, खगोल विज्ञान, भूगोल और सामाजिक जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।
अल-बिरूनी का योगदान:
अल-बिरूनी ने विज्ञान और ज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने खगोल विज्ञान, गणित, भूगोल और इतिहास के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण खोजें कीं। उन्होंने भारत के बारे में जो जानकारी प्रदान की, वह भारतीय इतिहास के अध्ययन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।