• जैन मत

  • बौद्ध मत

  • सिक्ख मत

  • वैष्णव मत


अनेकांतवाद जैन दर्शन का सिद्धांत है। इसका अभिप्राय यह है कि संसार की प्रत्येक वस्तु विरुद्ध प्रतीत होने वाले अनंत कर्मों के भिन्न-भिन्न आशय हैं। वस्तु के संबंध में विभिन्न दर्शनों की जो विभिन्न मान्यताएँ हैं, अपेक्षाभेद एवं दृष्टिभेद से वे सब सत्य हैं।

अनेकांतवाद किसका क्रोड़ (केंद्रीय) सिद्धांत एवं दर्शन है?

अनेकान्तवाद किसका क्रोड सिद्धान्त है?

अन्तरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह प्रक्षेपण करने वाला विश्व का प्रथम देश कौन है?

अन्तरिक्ष में पहुँचने वाला विश्व के पहले व्यक्ति का नाम क्या है?

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल कितना होता है?

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त होने वाले प्रथम भारतीय कौन थे?

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या कितनी होती है?

अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन जिसका मुख्यालय जिनेवा में है, इसकी स्थापना कब हुई थी?

अन्तिम जैन सभा कहां हुई थी?