चन्द्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का राजा था, लेकिन वे गुप्त साम्राज्य के वास्तविक संस्थापक माने जाते हैं। श्रीगुप्त नामक एक शासक द्वारा स्थापित इस वंश को उन्होंने ही आगे बढ़ाया और एक साम्राज्य का रूप दिया।
चन्द्रगुप्त प्रथम ने लिच्छवी राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया, जिससे उन्हें राजनीतिक शक्ति और प्रतिष्ठा प्राप्त हुई। इस विवाह के फलस्वरूप, उन्हें लिच्छवियों का समर्थन मिला, जो उस समय के शक्तिशाली गणराज्यों में से एक थे।
उन्होंने 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण की, जो उनकी बढ़ती शक्ति और प्रभुत्व का प्रतीक थी। चन्द्रगुप्त प्रथम ने प्रयाग (आधुनिक प्रयागराज) के आसपास के क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण स्थापित किया और गुप्त साम्राज्य की नींव रखी। उनके शासनकाल के दौरान, गुप्त वंश ने अपनी शक्ति और प्रभाव में वृद्धि की, जिसके परिणामस्वरूप उनके पुत्र समुद्रगुप्त ने आगे चलकर एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की।
चन्द्रगुप्त प्रथम का शासनकाल (लगभग 319 ईस्वी से 335 ईस्वी तक) गुप्त वंश के उदय का काल था और उन्होंने आने वाले शासकों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।
Answered :- 2022-12-11 18:15:29
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