इटली में फासीवाद का अंत 28 अप्रैल, 1945 ई० को माना जाता है, जब तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी को इतालवी प्रतिरोध सेनानियों द्वारा पकड़ा गया और मार दिया गया। यह घटना द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में घटी, जब मित्र राष्ट्र इटली को नाजी जर्मनी के कब्जे से मुक्त कराने के लिए आगे बढ़ रहे थे।
हालांकि, फासीवाद के अंत की कहानी इससे कहीं अधिक जटिल है। वास्तव में, फासीवादी शासन की नींव 1943 में ही हिल गई थी, जब मित्र राष्ट्रों ने सिसिली पर आक्रमण किया और मुसोलिनी को ग्रांड काउंसिल ऑफ फासीज्म द्वारा पद से हटा दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, जर्मन कमांडो ने उसे मुक्त करा लिया और उसने उत्तरी इटली में एक कठपुतली राज्य, इतालवी सामाजिक गणराज्य (Italian Social Republic) की स्थापना की, जिसे आमतौर पर सालो गणराज्य (Republic of Salò) के नाम से जाना जाता है।
मुसोलिनी की मृत्यु के बाद, सालो गणराज्य का पतन हो गया और इटली पूरी तरह से मित्र राष्ट्रों के नियंत्रण में आ गया। 2 जून, 1946 को इटली में एक जनमत संग्रह हुआ, जिसमें इटली के लोगों ने राजशाही को समाप्त कर दिया और एक गणतंत्र की स्थापना की।
इसलिए, फासीवाद का अंत एक क्रमिक प्रक्रिया थी, जिसकी शुरुआत 1943 में मुसोलिनी के पद से हटाए जाने से हुई और 1945 में उसकी मृत्यु के साथ समाप्त हुई। इसके बाद, इटली ने एक नया राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाया।
Answered :- 2022-12-11 17:46:05
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