चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपनी सैनिक शिक्षा तक्षशिला से ग्रहण की थी, और यह उत्तर बिल्कुल सही है। लेकिन, इस उत्तर को और अधिक विस्तृत करने के लिए हम निम्नलिखित जानकारी जोड़ सकते हैं:
तक्षशिला (आधुनिक पाकिस्तान में स्थित), उस समय एक प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र था। यह न केवल धार्मिक और दार्शनिक शिक्षा के लिए, बल्कि सैन्य रणनीति और शस्त्र विद्या के लिए भी जाना जाता था।
चंद्रगुप्त मौर्य ने अपनी युवावस्था में चाणक्य (कौटिल्य) के मार्गदर्शन में तक्षशिला में शिक्षा प्राप्त की। चाणक्य, जो एक कुशल राजनीतिज्ञ और रणनीतिकार थे, ने चंद्रगुप्त को न केवल सैन्य प्रशिक्षण दिया, बल्कि उसे शासन करने और साम्राज्य का विस्तार करने के लिए आवश्यक राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल भी सिखाए।
तक्षशिला में, चंद्रगुप्त ने विभिन्न प्रकार के शस्त्रों का उपयोग करना सीखा, जैसे कि तलवार, भाला, धनुष और तीर। उन्होंने युद्ध की विभिन्न रणनीतियों, जैसे कि घेराबंदी, आक्रमण और रक्षा, का भी अध्ययन किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सेना के प्रबंधन और रसद (logistics) के बारे में भी ज्ञान प्राप्त किया, जो एक बड़े साम्राज्य को चलाने के लिए आवश्यक था।
यह शिक्षा चंद्रगुप्त मौर्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुई, क्योंकि इसी के बल पर उन्होंने नंद वंश को उखाड़ फेंका और मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। उनकी सैन्य कुशलता और रणनीतिक सोच ने उन्हें भारत के इतिहास में एक महान शासक बना दिया।
संक्षेप में, तक्षशिला न केवल चंद्रगुप्त की शिक्षा का केंद्र था, बल्कि उनके भविष्य के साम्राज्य की नींव भी थी।
Answered :- 2022-12-09 16:31:46
Academy