अकबर द्वारा नियुक्त करोड़ी नामक अधिकारी का कार्य अपने क्षेत्र से एक करोड़ दाम वसूल करना होता था, लेकिन उसकी जिम्मेदारियां इससे कहीं अधिक व्यापक थीं। 1573 में नियुक्त किए गए ये करोड़ी, वास्तव में एक प्रकार के जिला-स्तरीय राजस्व अधिकारी थे। उनका प्राथमिक कर्तव्य तो निश्चित रूप से अपने क्षेत्र से एक करोड़ दाम (तांबे के सिक्के) की वसूली सुनिश्चित करना था। इस राशि का निर्धारण उस क्षेत्र की भूमि की उर्वरता, फसल उत्पादन और स्थानीय कर प्रणाली के आधार पर किया जाता था। हालांकि, करोड़ी केवल कर संग्राहक नहीं थे। उन्हें भूमि का सर्वेक्षण करने, भूमि के प्रकार का निर्धारण करने, और उपज के आधार पर कर की दरों का निर्धारण करने का भी अधिकार था। वे किसानों को कृषि ऋण (तकावी) प्रदान करते थे, सिंचाई परियोजनाओं का प्रबंधन करते थे, और यह सुनिश्चित करते थे कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। संक्षेप में, करोड़ी अपने क्षेत्र में कृषि और राजस्व प्रशासन के लिए जिम्मेदार थे। उनका पद मुगल साम्राज्य के वित्तीय और प्रशासनिक ढांचे में एक महत्वपूर्ण कड़ी था। उन्हें स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया था कि राज्य को राजस्व का एक स्थिर प्रवाह प्राप्त हो। उनकी सफलता मुगल साम्राज्य की समृद्धि में सीधे योगदान करती थी।

अकबर द्वारा फतेहपुर सीकरी का निर्माण कब करवाया गया था?

अकबरनामा एवं आइन-ए-अकबरी की रचना किसने की थी?

अकबर ने 1575 ई० में फतेहपुर सीकरी में किसकी स्थापना कराई थी?

अकबर ने 1591 ई० में जीते हुए खानदेश को दक्षिण भारत में क्या माना जाता था?

अकबर ने अपनी राजधानी आगरा से फतेहपुर सीकरी कब स्थानांतरित किया था?

अकबर ने अपने कार्यकाल के प्रारम्भ में किस स्वर्ण मुद्रा को प्रचलित किया था?

अकबर ने अपने गुजरात विजय की स्मृति में राजधानी फतेहपुर सीकरी में क्या बनवाया था?

अकबर ने आमेर के राजा भारमल के पुत्र भगवान दास को कौन सी उपाधि दी थी?

अकबर ने इलाही संवत कब जारी किया था?

अकबर ने इलाही संवत को और क्या कहा जाता था?

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