दांते अलीघिएरी, जो कि इटली के महानतम कवियों में से एक माने जाते हैं, का निधन 1321 ईस्वी में रेवेना शहर में हुआ था। उनकी मृत्यु की वजह मलेरिया बताई जाती है, जिससे वे वेनिस से लौटने के बाद संक्रमित हो गए थे। दांते को रेवेना के बेसिलिका डि सैन फ्रांसेस्को में दफनाया गया। दांते की मृत्यु उस समय हुई जब वे अपने महान कृति "दिव्य कामदी" (Divine Comedy) पर काम कर रहे थे, जिसे उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में पूरा किया। यह महाकाव्य, जो नरक (Inferno), परगेटरी (Purgatorio) और स्वर्ग (Paradiso) की यात्रा का वर्णन करता है, आज भी विश्व साहित्य की एक महत्वपूर्ण कृति मानी जाती है। दांते की मृत्यु के बाद, उन्हें न केवल एक कवि के रूप में, बल्कि इतालवी भाषा के जनक के रूप में भी सम्मानित किया गया, क्योंकि उन्होंने अपनी रचनाओं में स्थानीय भाषा (वर्नाक्युलर) का प्रयोग किया, जिससे इतालवी भाषा को एक साहित्यिक भाषा के रूप में स्थापित करने में मदद मिली। उनकी विरासत आज भी इटली और दुनिया भर में जीवित है।

New Questions